न्यूज डेस्क,(22/10/11)(Tehelkanews)
बुरा करने वाले का अंत हमेशा बुरा ही होता है। कर्नल गद्दाफी की निर्मम हत्या ने इस बात को यथार्थ कर दिया है। जिस प्रकार कभी वो लोगों के बीच अपना खौफ पैदा करने के लिए खून की होली खेलते थे, वैसे ही उनके विद्रोहियों ने उन्हें बेदर्दी से मौत के घाट उतारा।दुनिया में अबतक जितने भी तानाशाह हुए हैं उनका अंत कुछ इसी प्रकार से हुआ है। फिर चाहे वो कर्नल गद्दाफी हों या फिर ईराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन।सद्दाम हुसैन को भी कुछ इसी तरह नृशंसता के साथ मारा गया था। गद्दाफी की तरह सद्दाम भी एक सुरंग में छिपे हुए थे। साल 2003 में सद्दाम हुसैन को पकड़ने के बाद अमेरिकी सैना के कमांडर ने कहा था, वो एक चूहे की तरह पकड़ा गया।
सद्दाम हुसैन 250 दिन तक अपनी जान बचाकर भागते रहे। दिसंबर 2003 में सद्दाम को उसी के जन्मस्थल तिकरित में धर दबोचा गया।5 नवंबर 2006 को ईराकी स्पेशल ट्रिब्यूनल ने सद्दाम को मानवता के विरुद्ध अपराधों का दोषी पाया और उसे फांसी की सजा सुनाई गई।
News From: http://www.7StarNews.com
Saturday, October 22, 2011
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