Monday, October 31, 2011
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मोबाइल फोन खरीदने वाला महंगे विज्ञापन, फिल्मी सितारों की अपील से अधिक अपने दोस्तों की सलाह को तव्वजो देता है। यही नहीं, मोबाइल फोन अब मात्र आपस में बातचीत करने का ही साधन नहीं रहा है। नए एप्लीकेशन के प्रति बढ़ता लगाव, उनके नए फीचर और स्टाइल ऐसी बातें जिसकी वजह से करीब 39 प्रतिशत लोग हर दो साल में अपना मोबाइल फोन बदल रहे हैं।उद्योग संगठन एसोचैम के एक ताजा सर्वे में यह तथ्य सामने आए हैं। एसोचैम ने यह सर्वे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बंगलुरू, हैदराबाद में किया और इसमें 20-30 तक के 1370 लोगों को शामिल किया गया था।
सर्वे के मुताबिक हैंडसेट की घटती कीमत और लोगों की खर्च करने की बढ़ती ताकत से मोबाइल हैंडसेट उद्योग लगातार विकास कर रहा है। शहरों में जहां 59.1 करोड़ तो वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में 30.1 करोड़ मोबाइल ग्राहक हैं। एसोचैम के महासचिव डीएस रावत कहते हैं कि सर्वे के आधार पर हैंडसेट निर्माताओं को समझना चाहिए कि उन्हें अपने आप को मुद्दों और अवसरों से जोड़ना होगा जिससे ब्रांड स्थापित करने में मदद हासिल हो पाए।
सर्वे के मुताबिक पहला नया फोन खरीदते वक्त 39 प्रतिशत लोग ब्रांड को अहमियत देते हैं जबकि 17 प्रतिशत दाम और 10 प्रतिशत नवीनतम मॉडल को अहम मानते हैं। लेकिन दूसरा सेट खरीदते समय सबसे अधिक 15 प्रतिशत गुणवत्ता को अहमियत देते हैं। सर्वे के अनुसार नए एघ्लीकेशन, जीपीआरएस, ब्लूटूथ, बिल्ट इन कैमरा, एफएम रेडियो, एमपी3 घ्लेयर, वीडियो रिकार्डिग एंड स्पीकर फोन कुछ ऐसे कारक है जो युवाओं को आकर्षित करते हैं।
खासकर ऐसे वर्ग को यह लुभाता है जो सोशल नेटवर्किग, म्युजिक सुनने, गेम खेलने, न्यूज जानने, चैटिंग, नेट खंगालने, मोबाइल पर बैंक एकाउंट की जानकारी हासिल में रुचि रखते हैं। सर्वे के मुताबिक 39 प्रतिशत के साथ नोकिया अभी भी हैंडसेट बाजार का सरताज बना हुआ है। इसके बाद सैमसंग 17.2, माइक्रो मैक्स 6.9 प्रतिशत के नाम है। इसके बाद अन्य सभी ब्लैकबेरी,एलजी, जी-5, कार्बन, स्पाइस, मैक्स, सोनी एरिक्सन को पसंद करते हैं। एसोचैम के इस सर्वे ने माना है कि दोहरे सिम कार्ड वाले मोबाइल फोन आने वाले समय में हैंडसेट बाजार में एक निर्णायक कारक साबित होंगे।
News From: http://www.7StarNews.com
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