Sunday, December 25, 2011

\'अन्ना जी आपका सत्याग्रह दूसरों के लिए मुसीबत होगी\'

मुंबई/रालेगण सिद्धी. (26/12/11)(Tehelkanews)

बांबे हाई कोर्ट ने अण्णा के अनशन के लिए रियायती दर पर मुंबई का एमएमआरडीए मैदान मुहैया कराने की मांग ठुकरा दी है। शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि 'यह हिसाब लगाना मुश्किल है कि लोकपाल बिल के खिलाफ अनशन जनहित में है या राजनीति से प्रेरित।' इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि जब बिल पर संसद में चर्चा तय है तो फिर समानांतर बहस की इजाजत नहीं दी जा सकती।'





जस्टिस पीबी मजुमदार और मृदुला भाटकर की बेंच ने कहा, 'पक्ष में हमारे आदेश देने का मतलब होगा कि हम संसद की कार्यवाही में दखल दे रहे हैं।' साथ ही बेंच ने कहा कि आंदोलन आपके लिए सत्याग्रह हो सकता है, लेकिन बाकी के लिए मुसीबत होगी।



पूरा आजाद मैदान भी नहीं- कोर्ट ने तीन दिन के लिए पूरा आजाद मैदान मुहैया कराने के निर्देश देने से भी मना कर दिया। सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि खेल विभाग आजाद मैदान का पूरा हिस्सा देने को राजी नहीं है। मैदान में क्रिकेट के 22 पिच हैं। इनके खराब होने का खतरा है।



टीम अन्ना ने अनशन की जगह का दूसरा विकल्प आजाद मैदान चुना था। कोर्ट ने जागरूक नागरिक मंच की अर्जी खारिज कर दी। मंच ने इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) की ओर से अर्जी दाखिल की थी। कोर्ट ने कहा कि अपील करने वाली संस्था पंजीकृत संगठन नहीं है।



कोर्ट की टिप्पणी



- हम लोकतांत्रिक देश में रहते हैं। अपने सांसदों का चुनाव कर उन्हें संसद में भेजते हैं। अगर वे सही काम नहीं कर रहे तो उन्हें चुनाव के जरिए हटाया जा सकता हैं।



- जब तक बिल पास नहीं हो जाता, तब तक कोई नहीं जान रहा कि इसके क्या प्रावधान होंगे।



- बतौर जज हमने संविधान और कानून को लागू करने की शपथ ली। आखिर किस कानून के तहत सरकार को फीस माफी का निर्देश दिया जाए?





- यदि दिल्ली का रामलीला मैदान उपलब्ध है तो क्यों नहीं वहीं अनशन का आयोजन किया जा रहा?



लोकपाल के प्रावधानों पर सीबीआई को आपत्ति



जांच एजेंसी सीबीआई ने लोकपाल बिल के प्रावधानों पर आपत्ति जताई है। जांच एजेंसी के बड़े अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि प्रस्तावित विधेयक में सीबीआई की स्वायत्तता सीमित की गई है।



अधिकारी ने कहा कि संस्था को वित्तीय और प्रशासनिक स्वायत्तता मिलनी चाहिए। साथ ही मल्टीपल रिपोर्टिग के सिरों को कम करना चाहिए। अधिकारी ने कहा कि प्रस्ताव के मुताबिक सीबीआई को लोकपाल, सीवीसी, कार्मिक विभाग, गृह मंत्रालय और कानून मंत्रालय को रिपोर्ट करना होगा। ऐसे में काम करना मुश्किल होगा। इसके बाद जांच और अभियोजन के दौरान भी लोकपाल को हस्तक्षेप का अधिकार होगा, जो सही नहीं है।



अब सिर्फ 6.80 लाख रुपए फीस



टीम अण्णा को एमएमआरडीए रियायत देने पर राजी हो गया है। इंडिया अगेंस्ट करप्शन के सदस्य मयंक गांधी ने बताया कि एमएमआरडीए ने 4.50 लाख रुपए की रियायत दी है। संस्था को अब 6.80 लाख ही देने होंगे।



मैदान का रोजाना किराया 3.80 लाख रुपए है। इसके आधार पर पहले 11,31,678 रुपए की मांग की गई थी। उधर, दिल्ली पुलिस ने टीम अण्णा को 27 दिसंबर से रामलीला मैदान में विरोध प्रदर्शन की इजाजत दे दी है। वहां किरण बेदी और अरविंद केजरीवाल अण्णा के समर्थन में अनशन पर बैठेंगे।



राजीव गांधी से सीख ले सरकार



अण्णा ने कहा कि सरकार को जनता को भी बहस में शामिल करना चाहिए। अण्णा ने कहा कि पंचायती राज के लिए संविधान में 73वें और 74वें संशोधन के दौरान राजीव गांधी ने देश के 5.5 लाख गांवों के सरपंचों को चिट्ठी लिख कर राय मांगी थी। मौजूदा सरकार क्यों नहीं ऐसा कर रही। आप सिर्फ अपने विचार और धारणा से सब कुछ तय नहीं कर सकते। फिर तानाशाही और लोकतंत्र में फर्क क्या रह जाएगा?



ऑनलाइन जेल भरो अभियान



टीम अण्णा ने सरकारी लोकपाल के खिलाफ जेल भरो अभियान के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया है। टीम ने दावा किया है कि शुक्रवार शाम तक 25 हजार से अधिक लोग आंदोलन में शामिल होने के लिए पंजीयन करवा चुके थे। इनमें से दिल्ली और महाराष्ट्र से 4-4 हजार हैं।
News From: http://www.7StarNews.com

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