वॉशिंगटन.01-12-2011-(प,प)
नाटो हवाई हमले में 24 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत से अमेरिका और पाकिस्तान के बीच पैदा हुआ तनाव और बढ़ने की आशंका है।अमेरिका ने साफ कर दिया है कि राष्ट्रपति बराक ओबामा नाटो हमले के लिए पाकिस्तान से माफी नहीं मांगेगे।
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय ने फैसला किया है कि नाटो में पाकिस्तानी सैनिकों की मौत पर ओबामा फिलहाल संवेदना जाहिर नहीं करेंगे। हालांकि बीते शनिवार को हुई नाटो हमले की इस घटना के बाद अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने शोक जाहिर कर दिया था। विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा था कि ऐसी घटनाओं से अमेरिका से पाकिस्तान के रिश्तों पर असर पड़ेगा। पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत कैमरन मंटर ने ह्वाइट हाउस के अधिकारियों से कहा था कि अमेरिका और पाकिस्तान के बीच रिश्तों पर कोई असर नहीं पड़े, इसके लिए वीडियो के जरिये ओबामा का औपचारिक बयान जारी करना चाहिए। इस्लामाबाद से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बात करते हुए मंटर ने कहा कि नाटो हमले के बाद पाकिस्तान की अवाम में गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है। इस पर काबू पाने के लिए अमेरिका को जल्द से जल्द कोई तरीका निकालने की जरूरत है।
लेकिन रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने अमेरिकी राजदूत के इस अनुरोध पर पानी फेर दिया है। उनका कहना है कि नाटो हमले के मामले में अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन, रक्षा मंत्री लियोन पेनेटा और विभाग के कुछ सीनियर अधिकारियों की ओर से शोक जाहिर किया जाना काफी है जब तक अमेरिकी सेना की जांच पूरी नहीं हो जाती और यह तथ्य सामने नहीं निकल कर आता कि आखिरी गलती किसकी थी।
'द न्यूयॉर्क टाइम्स' ने अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के कुछ अधिकारियों के हवाले से कहा है कि ओबामा प्रशासन के कुछ अधिकारी भी इस तर्क से सहमत नहीं हैं कि ओबामा पाकिस्तान से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगें। उनका कहना है कि यदि ओबामा सेना की बात नहीं मानते हुए पाकिस्तान से माफी मांगेंगे तो आगामी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान विपक्षी दल इस मुद्दे को ओबामा के खिलाफ हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं।
मंटर ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार से मुलाकात की है। इससे पहले वह राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से भी मिले हैं। मंटेर की खार और जरदारी से हुई मुलाकात के दौरान बीते 26 नवंबर की घटना और बॉन सम्मेलन पर चर्चा हुई। अफगानिस्तान के भविष्य को लेकर होने वाले इस सम्मेलन में हिस्सा लेने से इनकार किया है। पाकिस्तान ने कहा है कि जब तक उसकी सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता को लेकर विश्व समुदाय से आश्वासन नहीं मिलता, वह इस सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेगा। मंटर ने कहा कि अमेरिका को पाकिस्तान की लोकतांत्रिक सरकार, सेना और अन्य अहम संस्थानों से रिश्ते बनाकर रखने की जरूरत है।
News From: http://www.7StarNews.com
Thursday, December 1, 2011
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