लंदन.(21/11/11)(Tehelkanews)
सीरियाई सरकार के खिलाफ शुरू हुआ विरोध अब लीबिया जैसे गृहयुद्ध में तब्दील होता नजर आ रहा है। राष्ट्रपति बशर अल असद की सेना द्वारा अपनाई जा रही बर्बरता इसी ओर इशारा कर रही है।15 साल का मोहम्मद मुल्लाह ईसा कुछ समय पहले तक अपने स्कूल के सबसे होनहार बच्चों में गिना जाता था। लेकिन अब वो एक शहीद के नाम से जाना जाता है। दीर अल जोर का रहने वाला ईसा अब इस दुनिया में नहीं है।
सीरिया में जारी हिंसा में मारे गए ईसा के मोहल्ले वालों ने अपनी सड़क का नाम इस शहीद के नाम पर रख दिया है। उस सड़क पर लगे बोर्ड ईसा की शहादत को बयां कर रहे हैं। एक संदेश में कहा गया है, वो घर से निकला था मोहम्मद मुल्लाह ईसा के रूप में, लेकिन लौटा है शहीद मुल्लाह बनकर।सीरिया में अबतक 282 बच्चे इस हिंसा की आग में झुलस चुके हैं। ईसा की मृत्यु ईराक सीमा के करीब स्थित उसके गृहनगर में राष्ट्रपति बशर के खिलाफ चल रहे एक प्रदर्शन के दौरान हुई थी।मोहम्मद एक होनहार छात्र था। विद्रोह जैसे उसकी नसों में दौड़ रहा था। ईसा के सहपाठियों के मुताबिक एक बार उसने इतिहास की किताब का एक पाठ पढ़ने से इनकार कर दिया था। ईसा का तर्क था कि वो पाठ सिर्फ असद की पारिवारिक पार्टी अरब सोशलिस्ट बाथ के पक्ष में है।कैसे हुई मृत्यु, अब तक है एक पहेली
ईसा की मृत्यु कैसे हुई यह बात अबतक साफ नहीं हो सकी है। असद के कुछ सैनिक ईसा के स्कूल बच्चों को असद की रैली में सम्मलित होने के लिए भर्ती करने आए थे। लेकिन ईसा ने जाने से साफ इनकार कर दिया। इसके बाद क्या हुआ इस बात पर विवाद है।शुरुआती रपट के मुताबिक ईसा को मौके पर सीने में गोली मारी गई। जब वो खून से लथपथ तड़प रहा था तब उसके साथ मारपीट की गई। जब कमांडर ने देखा कि ईसा की सांसे अभी बाकी हैं, तो उन्होंने अपने सैनिकों को आदेश दिया, \"फिर से गोली मारो इसे। ध्यान रखना जिंदा ना बचने पाए।\"बाद में आयी रिपोर्ट में कहा गया कि पहले तो सैनिकों ने ईसा को जाने दिया। लेकिन बाद में उन्होंने उसे ढूंढकर मार दिया। ईसा की मृत्यु के वीडियो ने उसके परिवार वालों के लिए इस वाकये को और विवादास्पद बना दिया है।
News From: http://www.7StarNews.com
Sunday, November 20, 2011
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