त्निपोली,(24/10/11)(Tehelkanews)
लीबिया के अपदस्थ तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी के साथ अंतिम लड़ाई में शामिल रहे एक विद्रोही लड़ाके ने दावा किया गया है कि गद्दाफी ने मरने से पहले अपनी जान बख्शने के लिए सोने और धनराशि की पेशकश की थी।अमेरिकी \'स्काई न्यूज\'की खबर में गद्दाफी के गृहनगर सिर्त में विद्रोहियों की एक ब्रिगेड के कमांडर हम्माद मुफ्ती अली के हवाले से गद्दाफी की मौत के चार दिन बाद आज दावा किया कि गद्दाफी अंत तक जान बख्शने की गुहार लगाते रहे।अली ने कहा \'पाइप से बाहर निकाले जाने के बाद उनके साथ बुरी तरह धक्का-मुक्की की जा रही थी। गद्दाफी ने कहा कि वह अपनी जान के बदले कुछ भी देने के लिए तैयार हैं।
\'उन्होंने कहा कि यदि हम उनकी जान बख्श दें तो वह हमें सोना-पैसा कुछ भी देने के लिए तैयार हैं। अली ने कहा कि 60 वर्षीय गद्दाफी बुरी तरह खून से लथपथ थे। बुरी तरह की गई पिटाई और गोले बारद के टुकड़ों से उनका शरीर छलनी हो चुका था।खबरों के अनुसार गद्दाफी के पास 200 अरब डालर नकद और भारी मात्ना में सोना था जो दुनियाभर में गुप्त खातों में छिपाकर रखा गया है। लड़ाई शुरू होने के बाद खबरों में बताया गया कि गद्दाफी ने भारी रकम जिम्बाब्वे भेज दी है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुसार लीबिया के पास 140 टन सोना है जो त्निपोली के सेंट्रल बैंक में रखा गया है।
News From: http://www.7StarNews.com
Monday, October 24, 2011
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