कंबोडिया की राजधानी में बीती रात एक समारोह में मची भगदड़ में कम से कम 349 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों अन्य घायल हो गए। कंबोडियाई प्रधानमंत्री ने इसे खमेर रूज शासन के बाद देश की अब तक की सबसे बड़ी आपदा करार दिया है।
बरसात के मौसम के अंत में मनाए जाने वाले समारोह में हजारों लोग एक नदी स्थित द्वीप पर एकत्र हुए, लेकिन इस दौरान वहां भगदड़ मच गई। बहुत से लोगों ने पुल के जरिए भागने की कोशिश की। इस दौरान बहुत से लोग एक-दूसरे के पैरों तले कुचले गए तो बहुत से पानी में गिर पड़े।
घटनास्थल पर हृदय विदारक दृश्य उत्पन्न हो गया। शव एक-दूसरे के ऊपर पड़े हुए थे। बसाक नदी के किनारे और इसके भीतर शवों की तलाश मंगलवार को भी जारी है।
सरकारी टीवी स्टेशन ने बताया कि इस घटना में 349 लोगों की मौत हो गई है और 500 लोग घायल हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि मृतकों या घायलों में एक भी विदेशी नागरिक शामिल नहीं है।
प्रधानमंत्री हुन सेन ने अति वामपंथी आंदोलन का हवाला दिया, जिसकी नीतियों के चलते 1970 के दशक में 17 लाख लोगों की मौत हो गई थी। उन्होंने भगदड़ के कारणों की जांच के आदेश दिये हैं और गुरुवार को राष्ट्रीय शोक दिवस मनाने की घोषणा की है।
उन्होंने बताया कि सरकार प्रत्येक मृतक के परिजनों को अंत्येष्टि के खर्च के लिये 1,250 डॉलर देगी और प्रत्येक घायल को 250 डॉलर दिए जाएंगे।
News From: http://www.s7News.com
Tuesday, November 23, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment